घर घर में नारी सीता है, नारी ही भगवद गीता है पर कहने वाले क्या जाने नारी पर क्या- क्या बीता है घर घर में नारी सीता है
जाने कैसा ढंग हुआ था, छल वृंदा के संग हुआ था दुनियां को देती जो शिक्षा, अनुसूया की हुई परीक्षा धर्म कहाँ था उस प्रकरण में द्रुपदसुता के चीर हरण में हारा हुआ न्याय क्यों लगता फिर क्यों अन्यायी जीता है घर घर में नारी सीता है
नारी देवी के समान है, सोचो ये कितनी महान है नारी नर के साथ खड़ी थी मिलकर पूरी जंग लड़ी थी नारी ही नर की जननी है फिर क्यों इतनी रार ठनी है नारी है नर की मर्यादा, नारी परम पुनीता है घर घर में नारी सीता है
जब दहेज का पल आता है कितना बाप टूट जाता है गर्भ में जब मारी जायेगी दुनियां कैसे चल पायेंगी नारी का सम्मान बढ़ाओ बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ चलो नया परिणाम लिखे है हम नारी पावन परिणीता है घर घर में नारी सीता है नारी ही भगवद गीता है