BY: Surender Saini Bawaniwal (Himanshu)
आज हम आपको कुर्मी समाज के एक ऐसे व्यक्तित्व से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन अपने समाज और परिवार के लोगों के लिए अर्पित कर दिया.सामाजिक संगठन के प्रति समर्पित सेवा भावना, इच्छाशक्ति दृढ़ संकल्प, मेहनत और आशावादी नजरिये ने इन्हें ना सिर्फ तेलंगाना में बल्कि पूरे भारत में एक विशेष पहचान दिलायी है. इन महान शख्सियत का नाम हैं श्री राज नारायण जी पटेल. ये कुर्मी संघ, हैदराबाद (तेलंगाना )से निवर्तमान अध्यक्ष भी रहे हैं. ये कुर्मी समाज से सम्बन्ध रखते हैं. हमारे साथी सुरेंद्र सैनी बवानीवाल जी ने उनसे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की तो पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश
उनसे वार्ता के दौरान आपको पहले यह अवगत करा दे कि कुर्मी समाज द्वारा देश को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी गई थी, देश के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल भी कुर्मी जाति से सम्बन्ध रखते थे। जिनके सम्मान में केन्द्रीय सरकार द्वारा 31 अक्टूबर 2018 को उनकी 143वी जयंती पर 597 फुटी प्रतिमा भी स्थापित करायी गयी और इस प्रतिमा को स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी का नाम दिया गया. यह स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी गुजरात में वडोदरा से 90 किलोमीटर की दूरी पर है. सरदार सरोवर बांध के पास इस जगह का नाम है साधु बेट द्वीप. ये मूर्ति नर्मदा नदी के बीच बनी हुई है.यह मूर्ति देश के लिए और कुर्मी समाज के लिए मील का पत्थर साबित होगी.
श्री राजनारायण जी पटेल से हुई संछिप्त वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि उनके दादाजी 19वीं शताब्दी के अंत निज़ाम राजवंश में सैनिक की नौकरी के लिए अपने पैतृक गाँव उन्नाव (उत्तरप्रदेश )से हैदराबाद आए थे. इनके पिताजी मोहन सिंह का जन्म हैदराबाद में ही हुआ और उन्होंने जुम्मेरात बाजार, धुलपेट में लकड़ी के व्यापार को शुरू करके विकसित किया. उनकी माताजी सुन्दर बाई डोकरई,उत्तरप्रदेश से थी. इनके छह भाई और पांच बहनें हैं. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के ग्राम – डूमरई (भगवंत विधान क्षेत्र ) में 10 जनवरी 1948 को अपने ननिहाल में हुआ था.इनकी प्रारंभिक शिक्षा अग्रवाल हाई स्कूल,पथरगट्टी से संपन्न हुई.बाल्यकाल में ही पिताजी मोहन सिंह जी के निधन से परिवार की पूरी ज़िम्मेदारी, परिवार का बड़ा पुत्र होने के नाते इनके कन्धो पर आ गयी.

जीवन-यापन के लिए उन्होंने अपने पिता के लकड़ी के व्यापार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए शिक्षा छोड़ दी. सादा जीवन उच्च विचार को इन्होंने अपने जीवन का मूलमंत्र बना लिया और आजतक वे इसी सिद्धांत पर कायम हैं . सभी बहनो के विवाह के पश्चात इनका विवाह धुलपेट निवासी श्री हनुमान सिंह जी की पुत्री उमा से हुआ.
जिनसे उन्हे दो पुत्रियां (रुपाली वर्मा – MBA) व (सोनाली वर्मा – M.Pharmacy) और एक पुत्र श्रेष्ठ की प्राप्ती हुयी।उनके पुत्र का नाम डॉक्टर हेमंत राज पटेल है जो की MD कर चुके हैं और आजकल स्टार हॉस्पिटल, हैदराबाद में कार्यरत हैं.
वर्तमान में परमात्मा की कृपा से इनके सभी भाई – बहनो का विवाह हो चुका है और सभी अपने-अपने जीवन में व्यस्त हैं.उनका आज भी संयुक्त परिवार में निवास है. श्री राजनारायण जी के बड़े भाई श्री रामकरण जी पटेल गुजर चुके हैं और उनसे तीन छोटे भाई श्री राजगोपाल जी पटेल,श्री प्रेमराज जी पटेल, श्री पृथ्वीराज जी पटेल उनके साथ ही रहते हैं.
संयुक्त आंध्रप्रदेश में कुर्मी संघ की स्थापना सन 1982 में हुई थी. श्री राजनारायण जी पटेल जी का कुर्मी संघ से सम्बन्ध तभी से है. ये 2013 से अखिल भारतीय कुर्मी समाज के अध्यक्ष हैं. कुर्मी संघ को निरंतर गतिमान रखने एवं नगर के विभिन्न क्षेत्रों में बसे स्वजातीय बन्धुओं को इससे जोड़ने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही. संगठन के कार्यों को इन्होंने बिना किसी पद के समर्पित भाव से किया. इनको अपने भाई और बहनो के विवाह हेतू कई राज्यों में घूमना पड़ा जिससे भी उनको भिन्न राज्यों के कुर्मी समाज से जुड़ने का अवसर मिला.इन्होंने अखिल भारतीय कुर्मी संघ द्वारा आयोजित विभिन्न आयोजनों में अपने राज्य का प्रतिनिधि मंडल आयोग सदस्य के रूप में भी भाग लिया.
तत्कालीन संयुक्त आंध्रप्रदेश के कुर्मी समाज को पिछड़ा वर्ग से जोड़ने के लिए कुर्मी संघ,आंध्रप्रदेश द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग के कमिश्नर को कई ज्ञापन सौंपे गए और संघ के प्रतिनिधि मंडल द्वारा भेंट की गयी. इस हेतू इन्होंने संघ के सह-मंत्री एवं प्रचार मंत्री के रूप में हमेशा तत्परता के साथ तत्कालीन पदाधिकारियों को सहयोग प्रदान किया. कुर्मी संघ की निरंतरता बनाये रखने और उसके विकास में इनके सहयोग को देखते हुए सन 2012 में कुर्मी संघ, आंध्रप्रदेश, वर्तमान में कुर्मी संघ हैदराबाद (तेलंगाना)का अध्यक्ष बनाया गया.इन्होने सन 2012 से फरवरी 2020 तक कुर्मी संघ हैदराबाद (तेलंगाना )के अध्यक्ष का दायित्व निभाया इन्होंने अपने कार्यकाल में कुर्मी संघ की सदस्यता अभियान चला कर संघ के कोष में वृद्धि और उसे भवन निर्माण के लिए जमीन खरीदने के उद्देश्य से बैंक में फिक्स डिपोसिट करवा दिया.इन्होने अपने बलबूते पर बहुत से सामाजिक सरोकार किए हैं और आज भी करते आ रहे हैं. कई बार कुछ सरकारी सहायता के लिए प्रयास किया गया लेकिन सरकारी अनुदान की किसी प्रकार की सहायता प्राप्त नहीं हुयी, उनके द्वारा स्वयं सरकारी दफ्तरों के चक्कर कांटे गये, परंतु जब उन्हें यह महसूस हुआ कि ऐसे ही कई अनेक लोग होगे, जिनकी सरकारी मदद के पात्र होने के बावजूद प्राप्त कोई सहायता नहीं हो पाती.इनके पास एक बहुत अच्छी कर्मठ टीम है जो की अलग – अलग सामाजिक कार्य कर रही है तो.
इसके अलावा इन्होने कुर्मी मित्रों द्वारा प्राप्त सहयोग से विभिन्न सामाजिक कार्यों को करने की जिम्मेदारी ली जैसे
समाज के प्रतिभावान विद्यार्थियों का अभिनन्दन समारोह आयोजित करना,
गरीब बच्चों को वजीफे ( स्कालरशिप )प्रदान करना
कोरोना में गरीब लोगों की खाने की व्यवस्था
अप्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाना
बेरोजगार को छोटे मौसमी रोज़गार दिलवाना
रक्तदान, पौधरोपण जैसे कार्यक्रम रखवाना
कुर्मी समाज को जोड़ने के सौहार्दपूर्ण कार्यक्रम आदि
इनकी कार्यकारिणी टीम में करीब 20 सदस्य हैं जो हर कार्य के लिए अपनी सलाह और सहयोग देते हैं. इन्होंने अपने प्रयासों से संघ को सदैव गतिमान रखा. इन्होने समाज में परस्पर विश्वास, मित्रता और श्रद्धाभाव बनाये रखने के लिए बहुत कार्य किए और उन्हें आशातीत सफलता भी मिली है जिसके लिए इनकी पूरे समाज ने बहुत प्रशंसा की है.
इस वर्ष फरवरी 2020 में कुर्मी संघ, हैदराबाद (तेलंगाना )को नयी दिशा, नया मार्गदर्शन और नयी सम्भावनाओं के साथ अग्रिम कार्यवाही व रणनीति तैयार करने के उद्देश्य से इन्होंने चुनाव करवाने का निर्णय लिया और कुर्मी संघ, तेलंगाना की नयी कार्यकारिणी का गठन करवाया. इनके नेतृत्व में 23 फ़रवरी 2020 को कुर्मी संघ, हैदराबाद तेलंगाना की के साथ साथ कुर्मी महिला मण्डल एवं नवगठित कुर्मी युवा संगठन के पदाधिकारियों ने कार्यभार संभाला है. श्री राजनारायण जी पटेल की हार्दिक इच्छा है की कुर्मी संघ, हैदराबाद तेलंगाना का अपना एक निजी कार्यालय और एक भवन हो. इस दिशा में नवनिर्वाचित संघ के अध्यक्ष प्रशांत वर्मा व महामंत्री श्रीमती किरण वर्मा द्वारा संघ को कार्यालय प्रदान करने की घोषणा का इन्होने ह्रदय से आभार व्यक्त किया है और कहा है की यदि कुर्मी संघ, तेलंगाना निजी भवन बनाने की दिशा में आगे बढ़ता है तो वे भी यथासंभव तन-मन-धन से अपना पूरा सहयोग प्रदान करेंगे.
हमने अपनी बातचीत को विराम दिया और राजनारायण जी पटेल की उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उनसे विदा ली.
और हम अंत में यही कहना चाहेंगे की